Author : Seema Pal
विधानसभा सत्र में नेताप अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच हुई नोंकझोंक के बाद प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर काफी तंज किया। शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव को नेता प्रतिपक्ष की गरिमा बनाए रखते हुए संसदीय भाषा का प्रयोग करने की सलाह दे डाली। बीते कुछ दिनों से भाजपा पार्टी से ज्यादा शिवपाल सिंह यादव सपा अध्यक्ष पर हमला बोल रहे हैं।
शिवपाल सिंह यादव ने संसद में हुई नोंकझोंक पर कहा, "विधानसभा में जब चलती है तो नोंकझोंक होती है। जब नोंकझोंक होती है तो संसदीय भाषा का पालन होना चाहिए. हमेशा सदन नियमों से और परंपराओं से चलता है। अगर कोई भी सदस्य है तो उसे संसदीय भाषा का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा ही मैंने देखा है और यही सीखा है।" शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "जो जितने बड़े पद पर होता है उन्हें हमेशा गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। हालांकि इसकी शुरूआत तो सत्ता पक्ष से ही हुई थी। जिसपर विपक्ष उत्तेजित हो गया। सत्ता पक्ष को उस भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए था. खास कर सीनियर सदस्यों को तो ऐसा नहीं करना चाहिए था।" शिवपाल सिंह यादव ने कहा संसद की गरिमा बना कर रखना अध्यक्ष की जिम्मेदारी होती है। वाद-विवाद में कोई भी सदस्य हो चाहे पक्ष हो या विपक्ष हो लेकिन हमेशा संसदीय भाषा का पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कभी-कभी विधानसभा में ऐसा हो जाता है, ये शुरूआत किसी न किसी पक्ष से होती है और जब बहस की शुरूआत दोनों पक्षों से होती है तो कोई ज्यादा कोई कम बोलता है।"
शिवपाल सिंह यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपने बिगड़ते रिश्ते पर कहा कि कोई किसी की नही सुनता है, जिसको जो पसंद है वही करता है। बता दें, ऐसा लग रहा है कि शिवपाल सिंह यादव को अब लाल रंग रास नहीं आ रहा है। इतना ही नही शिवपाल सिंह यादव ने तो सपा की लाल टोपी पर भी व्यंग कर डाला। मीडिया से बात करते हुए शिवपाल यादव ने कहा, "कोई किसी की नहीं सुनता है तो कोई किसी को पसंद है, कोई किसी को पसंद है। लेकिन हम इतना जरूर जानते हैं कि समाजवाद विचारों से आता है, लाल टोपी लगाने से समाजवाद नहीं आता है।"