भारतेन्दु नाट्य अकादमी में तीन दिवसीय संगीतमय नाट्य प्रस्तुति 'कहत कबीर' का पहला भव्य मंचन शनिवार को हुआ। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम की प्रेरणा से का मंचन रविवार और सोमवार को भी होगा। 'कहत कबीर' नाटक आजादी का अमृत महोत्सव पर आधारित है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत की 'कहत कबीर' की पहली प्रस्तुति बीएनए के थ्रस्ट सभागार में हुई। नाटक में संतों, साधुओं के जीवन में आने वाली कठिनाई, कबीर की निर्गुण भक्ति परंपरा का प्रभाव देखने को मिला। 'कहत कबीर' की प्रस्तुति का मुख्य संदेश था कि साधुओं का जीवन ही सदमार्ग है।
'कहत कबीर' नाटक की परिकल्पना और निर्देशन बीएनए के निदेशक दिनेश खन्ना ने किया जबकि संगीत ज्ञानदीप और आलेख अनिल शर्मा का था। प्रस्तुति में "घूंघट के पट खोल तोहे पिया मिलेंगे... और कछु लेना न देना मगन रहना...' जैसे भजन सुनकर लोग भक्ति रस में डूब गए। इसी तरह 'निरंजन अलह मेरा ... अलह मेरा...' , 'हमन है इश्क मस्ताना..' गीत के भाव पूर्ण संगीत और बोल से दर्शक मदहोश हो गए। तालबद्ध गगन, प्रकाश गोविंद सिंह यादव, मंच मनोज कुमार मिश्रा, वस्त्र रोजी दुबे, नृत्य सरंचना विशाल कृष्णा का था।