उत्तर प्रदेश विधानसभा का पहला बजट सत्र मई के तीसरे हफ़्ते में आरंभ होना सम्भावित है। इस बार विधानसभा की कार्यवाही पेपरलेस करवाने की तैयारी की गई है। विधायक अपने सवाल टेबलेट के ज़रिए पूछ सकेंगे। मुख्यमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के पास भी अलग से टेबलेट मौजूद होंगे। साध ही हर विधायक की सीट पर टेबलेट लगाए जाएँगे। ये टेबलेट स्थायी रूप से फ़िक्स करवाए जाएँगे। सदस्य के विधानसभा क्षेत्र के क्रमांक के हिसाब से टेबलेट में सारा डाटा लोड किया जाएगा। विधानसभा सचिवालय की तरफ़ से नेशनल ई-विधान प्रोजेक्ट के तहत डिजिटलकरण का अभियान शुरूवात की गई है। भाजपा सरकार अब डिजिटलकरण को लेकर काफी ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है। पीएम मोदी का सपना डिजिटल भारत के तहत अब विधानसभा भी डिजिटल हो जाएगी। इसके इतर बात करें तो विधानसभा में टेबलेट का प्रयोग होने से कार्यभार भी कुछ कम हो जाएगा। सरकार की विधानसभा में पेपरलेस कार्यवाही करवाने की नीति डिजिटलकरण की तरफ एक और सार्थक पहल साबित हो रही है।