नई दिल्ली। सिंगापुर में सोमवार को हुए भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) में 6 महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी, जिनमें डिजिटलाइजेशन, स्किल डेवलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी, हेल्थ सर्विस, कनेक्टिविटी और एडवांस मैन्युफैक्चरिंग शामिल है। आईएसएमआर के दूसरे दौर की वार्ता में चार सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल और सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल ने सितंबर 2022 में नई दिल्ली में आयोजित पहले आईएसएमआर की प्रगति की समीक्षा भी की। भारत की ओर से सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हुए।जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा दूसरा भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन बहुत उपयोगी रहा। हमने डिजिटल, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी और उन्नत विनिर्माण में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।इस दौरे के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शणमुगारत्नम और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन के साथ नए क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं को तलाशने पर भी वार्ता की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय नेताओं ने भारत-सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने की योजनाओं के साथ ही आसियान और जी20 घटनाक्रमों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग पर भी चर्चा की। सिंगापुर के विदेश मंत्री बालकृष्णन ने मंत्रिस्तरीय बैठक को ‘सार्थक’ बताते हुए कहा कि इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा के लिए भी मंच तैयार कर दिया है जो कि जल्द ही होगी। उन्होंने सम्मेलन में हुई चर्चा के बारे में कहा कि एडवांस मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर के साथ ही एविएशन और मरीन कनेक्टिविटी ऐसे नए सेक्टर रहे, जिन पर द्विपक्षीय सहयोग के लिए चर्चा हुई।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)